क्या आप जानते है कि मानव रक्त की संरचना (Rakt ki Sanrachna) किस किस से मिलकर हुई है? आज के इस आर्टिकल में हम आपको मानव रक्त के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देंगें। यहाँ पर RBC, WBC और प्लेटलेट्स के बारे में बताया गया है। इसके अलावा इस लेख में रक्त परिसंचरण तंत्र जैसे धमनी और शिराएँ के बारे में भी जानकारी दी गई है।
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रक्त की खोज किसने की थी?
ब्लड की खोज कार्ल लैंडस्टीनर (Karl Landsteiner) ने 1901 में की थी। कार्ल लैंडस्टीनर द्वारा पहले मानव रक्त समूहों (ABO) की खोज की गई इसके बाद, धीरे-धीरे 1927 से, अन्य रक्त समूहों की भी खोज की गई। मानव रक्त का pH मान 7.4 होता है।
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रक्त के कितने भाग होते हैं
रक्त के द्रव और ठोस मुख्य दो भाग होते है। रक्त के द्रव भाग को प्लाज़्मा कहा जाता हैं। ब्लड के ठोस भाग निम्न तीन प्रकार की कोशिकाओं से मिलकर बना होता है।
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RBC (लाल रक्त कण)
आरबीसी मानव रक्त का सबसे मुख्य भाग होता है। आरबीसी का फुल फॉर्म हिंदी में लाल रक्त कण या लाल रक्त कोशिकायें होता है। यदि अंग्रेजी में RBC ka full form की बात करें तो आरबीसी का फुल फॉर्म इंग्लिश में Red Blood Cell होता है जिसको Red Blood Corpuscles or Erythrocytes के नाम से भी अंग्रेजी में जाना जाता है।
RBC बारे में प्रमुख जानकारी
हमारे रक्त में ये आरबीसी 90% होती है। इनका जीवनकाल 120 दिन तक होता है। RBC का निर्माण अस्थिमज्जा या बोन मेरो (Bone marrow) में होता है और उनकी मृत्यु प्लीहा (Spleen) में होती है जिसको RBC का कब्रिस्तान कहा जाता है।
RBC के कार्य
- ऑक्सीजन और कार्बनडाइऑक्साइड का संवहन करना
- RBC में हीमोग्लोबिन नामक प्रोटीन पाया जाता है जिसके कारण रक्त का रंग लाल होता है।
RBC की कमी से होने वाले रोग
- एनीमिया या अरक्तता (Anemia)
- पीलिया (Jaundice)
WBC (श्वेत रक्त कण)
डब्ल्यूबीसी क्या है? डब्ल्यूबीसी मानव रक्त का एक मुख्य भाग होता है। डब्ल्यूबीसी का फुल फॉर्म हिंदी में श्वेत रक्त कण या श्वेत रक्त कोशिकायें होता है। यदि अंग्रेजी में WBC ka full form की बात करें तो डब्ल्यूबीसी का फुल फॉर्म इंग्लिश में White Blood Cells होता है जिसको White Blood Leukocytes के नाम से भी अंग्रेजी में जाना जाता है।
WBC बारे में प्रमुख जानकारी
हमारे रक्त में ये सबसे कम होती है। डब्ल्यूबीसी का जीवन काल 3-4 दिन का होता है।ये आकार में सबसे बड़ी होती है। WBC का निर्माण अस्थिमज्जा या बोन मेरो (Bone marrow) में होता है और इसकी मृत्यु रक्त में ही हो जाती है।
WBC के कार्य
- डब्ल्यूबीसी प्रतिरोध क्षमता (Immune system) को बढ़ती है।
- इसका कार्य रोगाणुओं से रक्षा करना है।
- WBC का काम घाव भरने का होता है।
WBC के प्रकार
ये दो प्रकार की होती है
- लिम्फोसाइट (Lymphocyte) : वो श्वेत रक्त कणिकाएं जो बीमारियों से बचती है।
- मोनोसाइट्स (Monocytes) यह शरीर की सबसे बड़ी कोशिका है, जो घाव को भरने का काम करती है।
WBC कमी से होने वाले रोग
- एड्स- HIV वायरस के कारण होता है।
- ब्लड कैंसर होता है।
नोट – विटामिन A रक्त में WBC को बढ़ाता है।
प्लेटलेट्स (Platelets)
प्लेटलेट्स की खोज 1882 में इटली के पैथोलॉजिस्ट गियुलियो बिज़ियोज़रो (Giulio Bizzozero) ने की थी। उन्होंने उन्हें जीवित जानवरों के परिसंचारी रक्त में और रक्त वाहिकाओं से निकाले गए रक्त में सूक्ष्म रूप से देखा था।
मानव रक्त में प्लेटलेट्स की संख्या 4.5 लाख से 6 लाख पर लीटर होती है
प्लेटलेट्स के कार्य
- शरीर में कट लग जाने पर रक्त के बहाव को रोकना
- चिकनगुनिया और डेंगू जैसी बीमारियों में प्लेटलेट्स की संख्या में एकदम से कमी आ जाती है।
(डेंगू – एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से होता है।)
नोट:- मानव शरीर में खून हेपेरिन की उपस्थिति के कारण नहीं जमता।
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रक्त परिसंचरण तंत्र (Circulatory system)
हमारे शरीर में रक्त परिसंचरण का काम धमनी (Arteries) और शिराएँ (Veins) करती है।
धमनी – Arteries
धमनी ऑक्सीजन युक्त शुद्ध खून को फेफड़े से दिल तक ले जाती है।
अपवाद:- पल्मोनरी धमनी अशुद्ध रक्त शरीर के अंगों से फेफड़े तक (organ से lungs तक) ले जाती है।
शिराएँ – Veins
शिराएँ अशुद्ध खून को शरीर के अंगों से फेफड़े तक ले जाती है।
(अपवाद :- पल्मोनरी शिराएँ शुद्ध रक्त को फेफड़े से दिल तक ले जाती है।
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