Bulb Ka Avishkar Kisne Kiya: क्या आपको पता है की बल्ब का आविष्कार किसने और कब किया था? प्राचीन काल में जब लाइट नहीं होती थी तो लोग दीपक और मोमबत्ती को जलाकर रोशनी करते थे। लेकिन धीरे धीरे बिजली की खोज हुई और फिर विद्युत बल्ब का अविष्कार (vidyut bulb ka avishkar) हुआ। तापदीप्त लैम्प या इनकैंडोसेंट लैम्प (incandescent lamp) को बोलचाल में बल्ब कहते हैं। आज आज बाजारों में कई प्रकार के बिजली रोशनी देने वाले लाइट मिलते है जैसे LED और CFL आदि। आज के इस आर्टिकल में हम आपको बिजली से जलने वाले बल्ब की खोज किसने की थी इसके बारे में बताएँगे। आइये इसे विस्तार से जानते है।
बल्ब की खोज किसने की थी – Bulb ki khoj kisne ki thi
विद्युत बल्ब की आविष्कार थॉमस ऐल्वा एडीसन (Thomas Alva Edison) ने सन 1879 में किया था। थॉमस एडीसन एक महान अमेरिकीय विज्ञानिक थे, जिन्होंने फोनोग्राफ एवं विद्युत बल्ब सहित अनेकों चीजों का आविष्कार किया जिसकी वजह से संसार भर में लोगों के जीवन में भारी बदलाव आये।
इतालवी आविष्कारक एलेसेंड्रो वोल्टा ने बिजली बनाने की पहली व्यावहारिक विधि विकसित की, वोल्टेइल पाइल (voltaic pile)। जस्ता और तांबे से बने अल्टरनेटिइंग (alternating) डिस्क को नमक के पानी में भिगोए गए कार्डबोर्ड की परतों के साथ इंटरसेप्टर – पाइल (pile) तांबे के तार के अंत में जुड़ा होने पर बिजली का संचालन करता था। विद्युत बल्ब टंगस्टन फिलामेंट्स (Tungsten filaments) होता है।
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विलियम डेविड कूलिज जो एक जनरल इलेक्ट्रिक के साथ एक अमेरिकी भौतिक विज्ञानी थे। उन्होंने 1910 में टंगस्टन फिलामेंट्स के निर्माण की कंपनी की विधि में सुधार किया। टंगस्टन तत्व का उच्चतम गलनांक है, इसलिए एडिसन द्वारा प्रकाश बल्ब तंतुओं के लिए इसे एक उत्कृष्ट सामग्री के रूप में माना था। लेकिन सुपर-फाइन टंगस्टन तार का उत्पादन करने के लिए आवश्यक मशीनरी 19 वीं शताब्दी के पहले उपलब्ध नहीं थी। टंगस्टन अभी भी गर्म बल्ब फिलामेंट्स में इस्तेमाल होने वाली प्राथमिक सामग्री है।
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एलईडी बल्ब का आविष्कार किसने किया – LED bulb ka avishkar kisne kiya
LED का फुल फॉर्म Light Emitting Diode है जिसका हिंदी में मतलब प्रकाश उत्सर्जक डायोड होता है। LED बल्ब की खोज जनरल इलेक्ट्रिक के एक अमेरिकी वैज्ञानिक निक होलोनीक (Nick Holonyak) ने 1962 में लेजर बनाने की कोशिश करते हुए लाल एलईडी लाइट का आविष्कार किया था। इसलिए निक होलोनाइक, जूनियर को “लाइट-एमिटिंग डायोड के पिता” (“Father of the Light-Emitting Diode”) कहा जाता है।
1960 के दशक के दौरान, शोधकर्ताओं और इंजीनियरों ने अधिक कुशल एल ई डी के उत्पादन के लक्ष्य के साथ अर्धचालक का प्रयोग जारी रखा। कुछ वर्षों के भीतर, पीले और हरे एल ई डी को मिश्रण में जोड़ा गया और संकेतक लाइट, कैलकुलेटर डिस्प्ले और ट्रैफिक लाइट सहित कई उपकरणों में इसका उपयोग किया गया।
ब्लू एलईडी का निर्माण 1990 के दशक की शुरुआत में इसामु अकासाकी (Isamu Akasaki), हिरोशी अमानो (Hiroshi Amano) और शुजी नाकामुरा (Shuji Nakamura) जापानी और अमेरिकी वैज्ञानिकों के एक समूह द्वारा किया गया था, और जिसके लिए उन्होंने 2014 का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार जीता था । ब्लू एलईडी ने वैज्ञानिकों को फॉस्फर (phosphor) के साथ डायोड को कोटिंग करके सफेद एलईडी लाइट बल्ब बनाने की अनुमति दी।
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आज, प्रकाश विकल्पों का विस्तार हुआ है और लोग विभिन्न प्रकार के प्रकाश बल्बों का चयन कर सकते हैं, जिसमें कॉम्पैक्ट फ्लोरोसेंट (CFL) बल्ब एक गैस को गर्म करके काम करते हैं जो पराबैंगनी प्रकाश और एलईडी बल्बों का उत्पादन करते हैं।
इस आर्टिकल में हमने आपको विद्युत बल्ब खोज किसने और कब की थी? और LED बल्ब का आविष्कार किसने किया था इसकी जानकारी दी है। आपको यह जानकारी कैसी लगी हमें कमेंट करके जरूर बतायें।
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