जानें ग्लोबल वार्मिंग किसे कहते है? ग्लोबल वार्मिंग (Global warming) शब्द का उपयोग पृथ्वी के वायुमंडल और उसके महासागरों के औसत तापमान में धीरे-धीरे होनी वाली वृद्धि का वर्णन करने के लिए किया जाता है। ग्लोबल वार्मिंग पृथ्वी की जलवायु प्रणाली के औसत तापमान में एक लंबी अवधि की वृद्धि है। इससे पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीव जंतुओं पर गहरा प्रभाव पड़ता है। ग्लोबल वार्मिंग हमारे मौसम और जलवायु परिवर्तन से गहरा संबंध रखता है। आइये ग्लोबल वार्मिंग क्या है, ग्लोबल वार्मिंग के कारण और ग्लोबल वार्मिंग के दुष्प्रभाव को विस्तार से जानते है।
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ग्लोबल वार्मिंग क्या है – What is Global warming in Hindi
महासागरों, बर्फ के पहाड़ों, पृथ्वी का पूरा पर्यावरण और धरती की सतह का क्रमिक रूप से गर्म होना ग्लोबल वार्मिंग (Global warming) कहलाता है। वैश्विक ऊष्मीकरण हमारे पर्यावरण के लिए बहुत ही नुकसानदायक होता हैं। आमतौर पर जलवायु परिवर्तन के कारण ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव होते है पर ग्लोबल वार्मिंग के कारण भी जलवायु परिवर्तन होती है। ग्लोबल वार्मिंग या वैश्विक उष्णता से संबंधित जलवायु परिवर्तन पर वैज्ञानिकों का मानना है कि पृथ्वी का औसत तापमान पिछले 100 वर्षों में 0.4 और 0.8 डिग्री सेल्सियस के बीच बढ़ गया है।
यह आमतौर पर आधुनिक औद्योगिक से निकलने वाली ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन और कार्बन डाइऑक्साइड के कारण हवा और समुद्र के तापमान में निरंतर वृद्धि को दर्शाता है। वैश्विक स्तर पर अधिकांश लोग ग्लोबल वार्मिंग को एक गंभीर या बहुत गंभीर मुद्दा मानते हैं। लगभग सभी देश जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC) के पक्ष में हैं, जिसका अंतिम उद्देश्य खतरनाक मानवजनित जलवायु परिवर्तन को रोकना है। यही डेफिनिशन ऑफ ग्लोबल वार्मिंग हैं। आइये ग्लोबल वार्मिंग के दुष्प्रभाव को विस्तार से जानते हैं।
ग्लोबल वार्मिंग इन हिंदी मीनिंग – Global warming meaning in Hindi
यदि आप ऊपर दी गई ग्लोबल वार्मिंग की परिभाषा को अच्छे से समझ गए है तो शायद आपके मन में यह सवाल होगा कि ग्लोबल वार्मिंग इन हिंदी मीनिंग अर्थात् ग्लोबल वार्मिंग का हिंदी अर्थ क्या होता है। ग्लोबल वार्मिंग दो शब्दों से मिलकर बना है जिसमें पहला शब्द “ग्लोबल (Global)” है जिसका अर्थ “वैश्विक या भू-मंडलीय” और दूसरा शब्द “वार्मिंग (Warming)” जिसका अर्थ “गरम करना” होता है। इस प्रकार ग्लोबल वार्मिंग का हिंदी मीनिंग भू मंडल को गर्म करना होता है।
ग्लोबल वार्मिंग के कारण – Global warming causes in Hindi
वैश्विक तापमान में वृद्धि या ग्लोबल वार्मिंग का मुख्य कारण पर्यावरण प्रदूषण है। इसके लिए वायु प्रदूषण मुख्य भूमिका निभाते है, ग्लोबल वार्मिंग के लिए उत्तरदायी गैस ग्रीन हाउस गैस (Greenhouse gas) होती है। हमारे वायु मंडल में सभी गैसों का संतुलन बना हुआ है। यदि इसमें किसी भी गैस की अधिकता या कमी वायुमंडल के संतुलन को बिगाड़ देती हैं।
वैश्विक उष्णता के कारण में ग्रीन हाउस गैस जैसे कि कार्बन डाई ऑक्साइड (Carbon dioxide – CO2), मीथेन (Methane – CH4) , नाइट्रस ऑक्साइड (Nitrous oxide – N2O), ओज़ोन (Ozone – O3), क्लोरो-फ्लोरो कार्बन (Chlorofluorocarbon – CFC) आदि गैसें शामिल हैं । प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन का कारण मानव के पर्यावरणीय और सामाजिक परिवर्तन हैं। कारखानों, फ़ैक्टरी और वाहनों से निकलने वाला धुआँ ग्लोबल वार्मिंग (Global warming) का मुख्य कारण हैं।
ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव – Effects of global warming in Hindi
वैश्विक तापन या ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव जो हमारे पर्यावरण पर बहुत ही गहरा असर डालते है। वैश्विक तापमान वृद्धि से मौसम का बदलना प्रारंभ हो जाता है। इस वैश्विक उष्णता के कारण अनावश्यक जल वाष्पीकरण (vaporization) होने लगता है जिससे अनियमित और अनियंत्रित वर्षा होने की संभावना बढ़ जाती है। इस वैश्विक ऊष्मीकरण के कारण होने वाली बर्षा के बाढ़ आने जैसी समस्या उत्पन्न हो जाती है। नीचे ग्लोबल वार्मिंग के दुष्प्रभाव होने वाले दिए गए है।
ग्लोबल वार्मिंग के दुष्प्रभाव – Side effects of global warming in Hindi
वैश्विक ऊष्मीकरण अर्थात ग्लोबल वार्मिंग के दुष्प्रभाव हमारी प्रकृति और पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीवों पर दिखाई देता है। आइये वैश्विक उष्णता के दुष्प्रभाव को विस्तार से जानते है।
ग्लोबल वार्मिंग के दुष्परिणाम तापमान वृद्धि – Global warming ke dushparinam tapman vridhi in Hindi
वैश्विक ऊष्मीकरण के सबसे तत्काल और स्पष्ट प्रभावों में से एक दुनिया भर के तापमान में वृद्धि है। ग्लोबल वार्मिंग के दुष्प्रभाव राष्ट्रीय महासागरीय और वायुमंडलीय प्रशासन (NOAA) के अनुसार, पिछले 100 वर्षों में औसत वैश्विक तापमान में लगभग 0.8 डिग्री सेल्सियस (1.4 डिग्री फ़ारेनहाइट) की वृद्धि हुई है। जो ग्लोबल वार्मिंग के दुष्परिणाम हैं।
ग्लोबल वार्मिंग के खतरे बर्फ पिघने में – Global warming ke khatre barf pighalne me in Hindi
वैश्विक तापमान वृद्धि के कारण बड़े-बड़े बर्फ के पहाड़ पिघलने लगते है जिससे इसके नजदीकी क्षेत्रों में बाढ़ आने के खतरे अधिक हो जाते हैं। ग्लोबल वार्मिंग के खतरे पर्माफ्रॉस्ट (permafrost) का पिघलना भूस्खलन (Landslide) और अन्य अचानक भूमि के ढहने का कारण बन सकता है। ग्लेशियल रिट्रीट (Glacial retreat) भी ग्लोबल वार्मिंग के दुष्प्रभाव है।
ग्लोबल वार्मिंग से हानि मौसम की घटनाओं में – global warming se hani mausam ki ghatna me in Hindi
ग्लोबल वार्मिंग के दुष्प्रभाव मौसम संबंधी घटनाओं में भी अधिक देखने को मिलता है। ग्लोबल वार्मिंग से हानि सबसे अधिक पेड़-पौधों, पक्षियों और जीव जन्तुओं को होती है। वैश्विक तापमान वृद्धि से मौसम संबंधी घटनाओं असंतुलित होना जैसे – अधिक गर्मी का होना, अत्यधिक वर्षा होना और अधिक ठंडी का होना आदि।
वैश्विक तापमान के प्रभाव करे समुद्र का अम्लीकरण – Ocean acidification Effects of global warming in Hindi
समुद्र के स्तर और समुद्र के अम्लीकरण पर वैश्विक तापमान के प्रभाव का गहरा प्रभाव पड़ता है। ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव से जैसे-जैसे बर्फ पिघलती है समुद्र का स्तर बढ़ता है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (World Meteorological Organization) ने बताया कि दुनिया भर में प्रति वर्ष समुद्र के स्तर में औसतन 0.12 इंच या 3 मिलीमीटर की तेजी आई है।
ग्लोबल वार्मिंग के दुष्प्रभाव पौधों और पशुओं पर – Global warming ke dushprabhav Plants and animals par in Hindi
पृथ्वी के पारिस्थितिक तंत्र पर ग्लोबल वार्मिंग के दुष्प्रभाव गहरा और व्यापक होने की उम्मीद है। वैश्विक तापमान वृद्धि के करना अनेक प्रकार की पेड़ों-पौधों और पशुओं की प्रजातियाँ समाप्त होने लगी है। प्रवासी पक्षी और कीड़ों की प्रजाति विलुप्त होने लगी हैं। इसके अलावा गर्म तापमान कई रोग पैदा करने वाले रोगजनकों की सीमा का भी विस्तार करता है।
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