अर्धचालक या सेमीकंडक्टर किसे है, यदि आप भी इस प्रश्न का उत्तर जानना चाहते है तो आज के इस आर्टिकल में हम आपको Semiconductor यानि अर्धचालक के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देंगें। और यह बताएँगे की सेमीकंडक्टर कितने प्रकार के होते है और उनके नाम क्या है।
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सेमीकंडक्टर किसे कहते है – Semiconductor in Hindi
सेमीकंडक्टर एक शब्द है जो की भौतिक विज्ञान और रसायन विज्ञान दोनों से संबंध रखता हैं। सेमीकंडक्टर (अर्धचालक) वह पदार्थ है जो धातु और अधातु दोनों के गुणों का पालन करता है। यह सेमीकंडक्टर चालक (सुचालक) और कुचलक दोनों के गुणों से भरा हुआ है। जर्मेनियम, सिलिकॉन, कैडमियम सल्फाइड, गैलियम आर्सेनाइड आदि अर्धचालक हैं। अर्धचालक भी एक प्रकार की धातु से ही बना होता है जो कुछ कुचलक पदार्थों के मिश्रण से बना होता हैं।
एक सेमीकंडक्टर (अर्धचालक) में धातु जैसे – सोना, तांबा और एक इन्सुलेटर (insulator) जैसे – कांच आदि। तापमान बढ़ने पर अर्धचालक की विद्युत चालकता बढ़ती है। और अर्धचालक एक धातु अर्थात चालक की तरह कार्य करने लगता हैं। आइये विस्तार से जानते की अर्धचालक या सेमीकंडक्टर कैसे बनते हैं।
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अर्धचालक क्या है – Ardhchalak kise kahte hai
क्या आप यह जानना चाहते हैं की अर्धचालक को अंग्रेज़ी में क्या कहा जाता हैं तो हम आपको बता दें की अर्धचालक को अंग्रेज़ी में सेमीकंडक्टर (semiconductor) कहा जाता है। जर्मेनियम और सिलिकॉन दो प्रमुख अर्धचालक पदार्थ हैं जिनका उपयोग IC और ट्रांजिस्टर बनाने में किया जाता हैं।
अर्धचालक या सेमीकंडक्टर कैसे बनता है
अर्धचालक दो प्रकार के पदार्थों से मिलकर बना होता है-
- चालक या सुचालक पदार्थ
- कुचालक पदार्थ
चालक किसे कहते हैं – Conductor kise kahte hai
वह पदार्थ जो विद्युत धारा के सुचालक होते है अर्थात् जिन पदार्थों से होकर विद्युत करंट निकल जाता है उसे चालक कहा जाता हैं। चालक के अंतर्गत लगभग सभी प्रकार धातुएं जैसे – सोना, चाँदी, तांबा, एलुमिनियम, लोहा आदि आते हैं। चालक पदार्थों की चालकता ताप बढ़ाने पर कम जाती है।
कुचालक किसे कहते हैं – Insulator kise kahte hai
वह पदार्थ जो विद्युत धारा के कुचालक होते है अर्थात् जिन पदार्थों से होकर विद्युत धारा नहीं बह सकती है उसे कुचालक कहा जाता हैं। जैसे – कांच, प्लास्टिक, लकड़ी आदि।
अर्धचालक पदार्थों का बनना – Construction of Semiconductor in Hindi
अर्धचालक पदर्थों का निर्माण सुचालक और कुचलक पदार्थों से मिलकर बनता हैं। सेमीकंडक्टर के निर्माण में दो चालक पदार्थ अर्थात् कोई भी धातु (जैसे – सोना या तांबा आदि) के बीच में एक कुचालक (जैसे – कांच) पदार्थ या एक प्रकार की अशुद्धि मिला दी जाती हैं। इस अशुद्धि को मिलाने की क्रिया को ड्रोपिंग कहा जाता है।
एक निश्चित दिशा में विद्युत धारा के प्रवाह से इन कुचलक को गर्म किया जाता हैं जिससे इनके अणु तीव्र गति करने लगते है। और यह अर्धचालक के सुचालक की तरह कार्य करने लगता हैं। इस प्रकार यह अर्धचालक पदार्थ अलग-अलग परिस्थितियों में सुचालक और कुचलक का कार्य करते हैं।
अर्धचालक के गुण – Properties of Semiconductor in Hindi
अर्धचालक सुचालक और कुचलक का एक संयुक्त रूप है। परन्तु यह सुचालक के विपरीत कार्य करता हैं सुचालक का तापमान बढ़ने पर वह विद्युत धारा का प्रतिरोध करता है और अपने से होकर विद्युत धारा को बहने से रोकता हैं। जबकि अर्धचालक का तापमान बढ़ने पर यह एक सुचालक की तरह कार्य करता हैं। और अपने से होकर विद्युत धारा आसानी से बहने देता है।
अर्धचालक के उपयोग – Uses of semiconductor in Hindi
अर्धचालक पदार्थों का आज कल सभी प्रकार की इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस में किया जाता हैं। इन अर्धचालक का उपयोग डायोड, ट्रांजिस्टर, आईसी आदि के निर्माण में किया जाता है।
अर्धचालक के प्रकार – Types of semiconductor in Hindi
अर्धचालक चालक दो प्रकार के होते हैं-
- N प्रकार के अर्धचालक
- P प्रकार के अर्धचालक
N प्रकार के अर्धचालक – N type semiconductor in Hindi
ऐसे अर्धचालक जिनमें मुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या बढ़ जाने से विद्युत धारा प्रवाह होता हैं उनकों N प्रकार के अर्धचालक कहा जाता है। N प्रकार के अर्धचालक को बनाने के लिए शुध्द अर्धचालक में आर्सेनिक (Arsenic) जैसे पंच संयोजी अपद्रव्य मिलाया जाता है।
P प्रकार के अर्धचालक – P type semiconductor in Hindi
ऐसे अर्धचालक जिनमें होल (Hole) के कारण विद्युत धारा प्रवाह होता हैं उनको P प्रकार के अर्धचालक कहा जाता है। P प्रकार के अर्धचालक को बनाने के लिए शुध्द अर्धचालक में आर्सेनिक (Arsenic) जैसे त्रिसंयोजी जैसे – एल्युमिनियम (Aluminium) अपद्रव्य मिलाया जाता है।
दोस्तों आज के आर्टिकल में हमनें जाना कि सेमीकंडक्टर क्या है? अर्धचालक क्या है? अर्धचालक के प्रकार, अर्धचालक का प्रयोग, अर्धचालक के गुण और अर्धचालक पदार्थों का बनना।
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