यदि आपको नहीं पता कि भारत की राजधानी क्या है तो आज के इस आर्टिकल में हम आपको Bharat Ki Rajdhani के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देंगें। लोगों के मन में भारत देश से जुड़े कई सवाल होते है जैसे कि इंडिया की राजधानी कहाँ पर है और भारत की राजधानी कब बनी थी? इन सभी के प्रश्नों के उत्तर मिल जाएंगे। ये सारे सवाल लगभग प्रत्येक प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं, इसलिए आपको इनका उत्तर आप सभी को मालूम होना ही चाहिये।
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भारत की राजधानी – Bharat Ki Rajdhani
भारत की राजधानी नई दिल्ली (New Delhi) है। नई दिल्ली भारत के अंदर स्थित एक महानगर के साथ-साथ, यह केन्द्र शासित प्रदेश भी है। दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र के 11 जिलों में से एक है। संख्या के मामले में भारत की राजधानी दिल्ली भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर माना जाता है। यहाँ की वर्तमान जनसंख्या के बारे में बात करे तो मई 2020 तक दिल्ली की जनसंख्या 10,927,986 हो गई है। इसका क्षेत्रफल 1,484 वर्ग किलोमीटर या 573 वर्ग मील है। भारत की राजधानी दिल्ली, मुम्बई के बाद देश का दूसरा सबसे अमीर शहर है।
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भारत की राजधानी दिल्ली कब बनी
वर्तमान में नई दिल्ली भारत राजधानी है। इससे पहले कोलकाता (कलकत्ता) हमारे देश की राजधानी थी। दिल्ली को राजधानी बनाने की घोषणा भारत के सम्राट जॉर्ज पंचम उनकी रानी मैरी ने की थी। और उन्होंने यह घोषणा 11 दिसम्बर 1911 को हुए दिल्ली के दरबार में की थी। मगर दिल्ली का राजधानी के रूप में सफर 13 फरवरी 1931 को ही शुरू हुआ था। हम आपको बता दें कि 13 फरवरी 1913 में कोलकाता से बदलकर दिल्ली को ब्रिटिश भारत की राजधानी बनाया गया था।
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दिल्ली शहर का प्राचीन नाम क्या है
दिल्ली को भारत देश की राजधानी का दर्जा प्राप्त है और दिल्ली पुराने समय में बहुत सारे राजाओं की राजधानी भी रहा है। दिल्ली का पुराना नाम “इंद्रप्रस्थ” था। इंद्रप्रस्थ से तातपर्य है – इंद्रदेव का शहर जहाँ पर इन्द्र निवास करते हैं। दिल्ली को भारतीय महाकाव्य महाभारत में प्राचीन इंद्रप्रस्थ के रूप में जाना जाता है। इंद्रप्रस्थ पांडवों की राजधानी भी हुआ करती थी।
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दिल्ली का इतिहास
दिल्ली का इतिहास बहुत पुराना माना जाता है। इसका पुराना नाम इन्द्रप्रस्थ था जो कि पहले पांडवों की राजधानी होती थी। पुरातात्विक रूप से जो पहले प्रमाण मिले हैं उससे यह जानकारी मिलती है कि ईसा से 2000 वर्ष पहते भी उसके आस पास की जगहों पर मानवों का निवास माना माना जाता था। कुछ लोग दिल्ली शहर को प्राचीन समय में ढिलिका या ढिली नाम से जानते थे। यह कई राजओं की राजधानी रही है।
1966 में अशोक का एक शिलालेख दिल्ली के श्रीनिवासपुरी में पाया गया। यह शिलालेख प्रसिद्ध लोह स्तम्भ के रूप में जाना जाता है, और अब कुतुबमीनार में देखा जा सकता है। इतिहासकारों का कहना है कि लोह स्तम्भ को 10 वीं से 11 वीं शताब्दी के बीच दिल्ली में स्थापित किया गया था। क्या आपको पता है कि चंदरबरदाई की रचना पृथ्वीराज रासो में तोमर वंश का राजा अनंगपाल को दिल्ली का संस्थापक बताया गया। इसी कारण यह माना जाता है कि उसने ही लाला कोट का निर्माण करवाया था। तोमर वंश का शासन काल दिल्ली में 900 से 1200 ईस्वी तक माना जाता है। दिल्ली यमुना नदी के किनारे बसा हुआ है। जिसका इतिहास बहुत पुराना माना जाता है।
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दिल्ली के राजा कौन थे
दिल्ली के बारे में आपको बहुत कुछ जानकारी मिल चुकी है। अब हम आपको बताता है कि दिल्ली का राजा कौन है। दिल्ली का राजा अनंगपाल था। महाराज पृथ्वीराज चौहान के दरबारी कवि चंदरबरदाई की हिन्दी रचना पृथ्वीराज रासो में तोमर राजा अनंगपाल को दिल्ली का संस्थापक बताया गया है। ऐसा माना गया है कि अनंगपाल ने ही लाल कोट का निर्माण करवाया था।
भारत की दूसरी राजधानी क्या है
जैसा कि आपको पता है कि भारत देश की वर्तमान राजधानी नई दिल्ली है जो 13 फरवरी 1913 को बनाई गई थी। इससे पहले (First Capital of India) कोलकाता (Kolkata) भारत की पुरानी राजधानी थी। पहले लोग कोलकाता को कलकत्ता के नाम से जानते थे फिर इसका नाम बदलकर कोलकाता रख दिया।
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